नए खिलाड़ियों के लिए- कैसे पोकर खेलें
नो-लिमिट होल्ड’एम में स्टैंडर्ड 52-कार्ड डैक का इस्तेमाल किया जाता है, चाहे फिर आप इसे ऑनलाइन ही क्यों ना खेलें। इसे सिंगल टेबल पर 2-10 खिलाड़ी कहीं से भी खेल सकते हैं। अगर आपके पास पर्याप्त टेबल और स्पेस हैं तो वास्तव में एक ही समय में पोकर टूर्नामेंट फॉर्मेट में हजारों खिलाड़ियों के साथ खेल सकते हैं।
यहां जाने एक बेसिक पोकर गेम कैसे काम करता है:
डीलर अपने बाईं ओर के खिलाड़ी के साथ शुरू करने और खुद पर समाप्त होने वाले सभी दो कार्डों का सौदा करता/करती है। डीलर के बाईं ओर वाले खिलाड़ी शुरुआत करने वाला पहला खिलाड़ी होता है और उसके पास ये भी विकल्प होते हैं:
- बाजी लगाना (यह नो-लिमिट होल्डम हैं, तो वह जिनती भी रकम की बाजी लगाना चाहते हैं, लगा सकते हैं)
- चेक (मूल रूप से कुछ नहीं करना)।
अगर कोई भी खिलाड़ी बाजी लगाना चाहते हैं तो बाकी बचे खिलाड़ियों के पास ये विकल्प बचते हैं:
- कॉल (पॉट में जो भी रकम बढ़ी है, उसे मैच करें)
- फोल्ड (कार्ड और चिप्स टेबल पर डालें, जो भी पॉट में हैं)
- रेज (पॉट में अधिक चिप्स डालें)
यह तब तक जारी रहेगा जब तक सभी खिलाड़ी ऐसा ना कर दें और सभी चिप्स बीच टेबल पर ना आ जाएं।
जब एक बार सट्टेबाजी का पहला राउंड पूरा हो जाए, तब डीलर बोर्ड पर तीन कार्ड का सामना करता है। ये ऐसे कम्युनिटी कार्ड हैं, जिनका इस्तेमाल कोई भी कर सकता है। इसे फ्लॉप भी कहा जाता है।
अब एक बार फिर हर किसी को दांव लगाने का मौका मिल जाता है और फिर उसे रेज या फोल्ड कर सकते हैं। अब जैसे ही सट्टेबाजी का दौर पूरा हो जाएगा, तो डीलर चौथे कार्ड को मेज पर रखेगा, जिसे कोई भी इस्तेमाल कर सकता है। इसे टर्न कहा जाता है।
एक बार फिर सभी को दांव लगाने/चेक करने/रेज करने/फोल्ड करने का मौका मिलता है। डीलर बोर्ड पर पांचवां कार्ड रखता है, जिसका कोई भी इस्तेमाल कर सकता है। इसे रीवर कहा जाता है। अब एक आखिरी बार सभी को दांव लगाने/चेक करने/रेज करने/फोल्ड करने का मौका मिलता है।
आखिरी दांव लगाने के बाद अगर एक से अधिक खिलाड़ी के पास हैंड (पांच प्लेयिंग कार्ड) है तो कार्ड दिखाने होते हैं और जिस खिलाड़ी के पास सबसे अधिक रैंक वाले हैंड होते हैं, वह जीत जाता है। जानिए विनिंग पोकर हैंड का निर्धारण कैसे करें:
ब्लाइंड्स क्या होता है?
आपने ‘ब्लाइंड्स’ जैसे टर्म के बारे में सुना होगा और ये वास्तव में नो-लिमिट होल्डम का एक हिस्सा होते हैं। लेकिन ये उतने जटिल नहीं होते जितना आप सोच रहे हैं।
छोटा ब्लाइंड और बड़ा ब्लाइंड दोनों अपेक्षाकृत छोटे दांव हैं, जो डीलर के बाएं वाले दो खिलाड़ियों को हैंड शुरू होने से पहले पॉट में डालने होते हैं। तो ऐसे में आपको बिना अपने कार्ड देखे इन्हें पॉट में डालना पड़ता है, इसलिए इसका मतलब ‘ब्लाइंड’ होता है।
अगर आपको यह आसान लगता है तो आप पहले इसके बारे में सोच सकते हैं। नो-लिमिट होल्डमम में ब्लाइंड का इस्तेमाल एक्शन को बढ़ाने के लिए किया जाता है, ताकि गेम बोरिंग ना बने। यानी पॉट में कार्ड डालने का तरीका रोचक रहे। अगर ऐसा नहीं होगा तो खिलाड़ी बिना किसी परिणाम के बारे में सोचे हर हैंड को फोल्ड कर लेगा, जिससे परेशानी हो सकती है।
क्या पोकर में अधिक ब्लफ होता है?
ब्लफिंग पोकर का अभिन्न हिस्सा है (हालांकि जितना आप सोच रहे हैं उससे कम) लेकिन एक नया खिलाड़ी होने के नाते जब तक आप विशेष रूप से आश्वस्त महसूस नहीं करेंगे, तब तक आप इससे ज्यादा उलझना नहीं चाहेंगे।
वैसे आप अभी रिलेटिव स्ट्रैंथ हैंड सीख रहे हैं, इसका मतलब ये है कि आपको अभी इस बात की जानकारी भी नहीं होगी कि क्या आप वास्तव में ब्लफ बना पा रहा हैं या नहीं। जो कि ठीक नहीं है।
ऐसी बहुत सी अन्य स्ट्रैटेजी हैं, जिनपर आप ब्लफिंग शुरू करने से पहले काम कर सकते हैं. (इनमें से कुछ के बारे में हम आपको नीचे बताएंगे)।
अब अगर आप ब्लफिंग करना सीखना चाहते हैं, तो हम आपको सेमि-ब्लफिंग की सलाह देते हैं। इसका मतलब ये है कि आप केवल 2-7 के ऑफसूट के साथ आगे नहीं बढ़ सकते, बल्कि हैंड को खेलते रहना होगा है, ताकि बोर्ड पर बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता आ सके और आप हैंड बना सकें।
जो पांच गलतियां जो नए खिलाड़ी करते हैं: